Google ने उठाया बड़ा कदम, लोकेशन डेटा के लिए 'जियोफेंस वारंट' फीचर होगा खत्म, पुलिस को होगी वारंट की जरूरत
गूगल का "जियोफेंस वारंट" खत्म करने का यह कदम अब पुलिस को गूगल से डाटा मांगने के बजाय एक स्पेसिफिक डिवाइस तक पहुंचने के लिए सर्च वारंट मांगने के लिए मजबूर करेगा.
गूगल ने "जियोफेंस वारंट" नाम से लंबे समय से चल रहे सर्विलांस प्रैक्टिस को खत्म करने के लिए कदम उठाया है. इस प्रैक्टिस में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संभावित अपराधियों की पहचान करने के लिए गूगल लोकेशन डाटा का उपयोग करने की अनुमति देती है. "जियोफेंस वारंट" के लिए गूगल जैसे प्रोवाइडर को कानून प्रवर्तन की ओर से टाइम पीरियड के दौरान किसी जियोग्राफिक एरिया के भीतर स्थित सभी यूजर्स या डिवाइस की पहचान करने के लिए यूजर लोकेशन डाटा के अपने संपूर्ण भंडार की खोज करने की आवश्यकता होती है.
"जियोफेंस वारंट" का इस्तेमाल मान्य नहीं
टेकक्रंच के मुताबिक, हाल के वर्षों में "जियोफेंस वारंट" का उपयोग बढ़ गया है, जो लोगों के अनुसार असंवैधानिक है. गूगल ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि मैप्स में टाइमलाइन फीचर आपको उन जगहों को याद रखने में मदद करती है जहां आप गए हैं और यह लोकेशन हिस्ट्री नामक सेटिंग द्वारा संचालित है.
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डाटापर और अधिक कंट्रोल
कंपनी ने बताया, अगर आप उन यूजर्स के सबसेट में से हैं, जिन्होंने लोकेशन हिस्ट्री को ऑन करना चुना है (यह डिफॉल्ट रूप से बंद है), तो जल्द ही आपकी टाइमलाइन सीधे आपके डिवाइस पर सहेजी जाएगी, जिससे आपको अपने डाटा पर और भी अधिक कंट्रोल मिलेगा. पहले की तरह, आप किसी भी समय अपनी पूरी जानकारी या उसका कुछ हिस्सा हटा सकते हैं या सेटिंग को पूरी तरह से डिसेबल कर सकते हैं.
पुलिस को होगी वारंट की जरूरत
गूगल ने सीधे तौर पर "जियोफेंस वारंट" का उल्लेख नहीं किया है, लेकिन यह कदम अब पुलिस को गूगल से डाटा मांगने के बजाय एक स्पेसिफिक डिवाइस तक पहुंचने के लिए सर्च वारंट मांगने के लिए मजबूर करेगा. गूगल स्पेसिफिक यूजर लोकेशन डाटा को "सेंसरवॉल्ट" नामक एक बड़े डाटाबेस में कलेक्ट और स्टोर करता है. गूगल ने कई साल पहले बताया था कि उसे हर साल मिलने वाले सभी वारंटों में से 25% जियोफेंस वारंट होते हैं.
अमेरिका में आपराधिक मामले में जियोफेंस वारंट का इस्तेमाल हुआ
अमेरिका के मिनियापोलिस में पुलिस ने 2021 की शुरुआत में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले व्यक्तियों की पहचान करने के लिए जियोफेंस वारंट का इस्तेमाल किया था. इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन (EFF) ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि अभी के लिए, कम से कम, हम इसे एक जीत के रूप में लेंगे.
फाउंडेशन ने कहा, ये बदलाव गूगल के लिए जियोफेंस वारंट के जवाब में बड़े पैमाने पर लोकेशन डाटाप्रदान करना असंभव नहीं तो और अधिक कठिन बनाते प्रतीत होंगे, एक ऐसा बदलाव जिसे हम सालों से गूगल से लागू करने के लिए कह रहे हैं.
EFF ने कहा कि टेक्नोलॉजी यूजर्स के लिए बहुत स्वागत योग्य खबर है क्योंकि हम 2023 के अंत में प्रवेश कर रहे हैं. 2022 में अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में, एप्पल ने कहा कि उसे अपने कस्टमर्स लोकेशन डाटा की मांग करने वाले 13 जियोफ़ेंस वारंट प्राप्त हुए, लेकिन कोई डाटाप्रदान नहीं किया गया.
10:13 PM IST